
जयपुर।
कोरोना महामारी के दौरान घर-घर सर्वे करने वाली “गरीब आशा सहयोगिनी वर्कर” के 60000 परिवार अचानक आए संकट में…
जहाँ सरकारी कर्मचारियों को घर बैठे मासिक वेतन के रूप में लाखों रुपये दिए जा रहे हैं वहीं दूसरी ओर 60000 आशा सहयोगिनी बहनों को मासिक 2700/- रुपये भी मिलने में संकट आ रहा है जबकि कई आशा सहयोगिनी बहनें सर्वे के दौरान खुद संक्रमित हो चुकी हैं…
कृपया इन कोरोना वॉरियर के लिए भी आवाज उठाएं…